कुम्भ हमारे राष्ट्र निर्माण और समाज व्यवस्था का नित्य नूतन बनाये रखने में एक अहम भूमिका निभाता है।
भारत में चारों स्थानों पर महाकुंभ होता है.
भारत में चारों स्थानों पर नासिक, उज्जैन, प्रयागराज, एवं हरिद्वार में महाकुंभ पर्व का आयोजन किया जाता है.
प्राचीन वेद और पुराण: महा कुंभ
हमारे भारतीय पुराणों एवं वेदों में महाकुंभ का वर्णन है.
महाकुंभ के दौरान श्री शनिदेव जी का महायज्ञ, भस्म आरती
महाकुंभ में श्री शनिदेव जी की महायज्ञ एवं भस्म आरती। इस पावन आयोजन में आस्था और भक्ति से भरे हर मंत्र ने मन और आत्मा को शांति का अनुभव कराया।
गंगा आरती
"संगम की निर्मल-अविरल जलधारा सबके जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और उन्नति लाए"
संगम में स्नान
पवित्र संगम में स्नान करने से नदियों के संगम से उत्पन्न शांति और आस्था की प्राप्ति होती है। उस दिव्य जल में प्रवेश करने वाले मन और आत्मा को एक नया पवित्र स्थान मिलता है। संगम का पवित्र जल न केवल शरीर को शुद्ध करता है बल्कि हृदय और मन को भी शांति का एहसास कराता है। जिस तरह हर दिशा में नए उत्साह का संचार होता है, उसी तरह यह स्नान जीवन में नई शुरुआत और संतुलन का अनुभव कराता है।