ग्राम्य विकास विभाग, उत्तर प्रदेश
ग्राम्य विकास विभाग
ग्राम्य विकास विभाग उत्तर प्रदेश, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास एवं गरीब परिवारों की निर्धनता दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है। तदनुसार विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिनका उद्देश्य मजदूरी की गारंटी देना, महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उन्हें स्वतः रोजगार के क्रियाकलापों में स्थापित कराना ताकि वे स्वयं अपना आर्थिक उत्थान कर सकें। ग्रामीण आधारभूत संरचना का निर्माण सभी गरीब आवास विहीन परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराना पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना ताकि ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में अपेक्षित स्तर तक सुधार हो सकें।
उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्य मंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि), सामुदायिक विकास कार्यक्रम, प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन तथा मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना आदि योजनाएं संचालित की जा रही है।
आजादी के सात दशक से पिछड़े और वंचित गांवों को चिन्हित कर उनमें प्राथमिकता पर विकास कार्य कराए जा रहें है। प्राकृतिक आपदा, कालाजार प्रभावित क्षेत्रों, जापानी एन्सेफलाइटिस/अक्यूट एन्सेफलाइटिस सिन्ड्रोम (जे.ई./ए.ई.एस) तथा वनटांगिया मुसहर जनजाति प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता पर निःशुल्क आवासीय सुविधा से लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 25 दिसंबर 2000 में की थी। इस योजना के माध्यम से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों एवं दुर्गम क्षेत्रों में पक्की सड़कों को बनाना, जिसके कारण उन क्षेत्रों के निवासी हर प्रकार के मौसम में इन सड़कों का उपयोग कर सके।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवार के वयस्क यदि काम की मांग करते हैं, तो सरकार उन वयस्कों को 15 दिनों में काम देगी। यदि सरकार 15 दिनों में काम नहीं देती है, तो उन वयस्कों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
कम से कम 100 दिनों तक अकुशल शारीरिक काम प्रदान करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य।
सिंचाई चैनल, चेक डैम, रिसाव टैंक, सड़क की परत, तालाब, खेत आदि मनरेगा की संपत्तियां हैं। इस योजना में इन सभी का कार्य किया जाता है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
इस योजना को ग्रामीण एवं विकास मंत्रालय ने जून 2011 में आरंभ किया था। इस योजना के माध्यम से प्रत्येक गरीब परिवार से एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूह (SHG) के तहत एकत्रित करना एवं स्वरोजगार के लिए उन्हें योग्य बनाना है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को सक्षम मजदूर रोजगार एवं स्वरोजगार जैसी अन्य योजनाओं के माध्यम से समाप्त करना एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को वित्तीय सेवा उपलब्ध कराना।
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए बहुत से मजबूत एवं टिकाऊ आजीविका के स्रोतों को उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण
इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक “सभी के लिए आवास” उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को अर्थात गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के व्यक्तियों को स्वयं का पक्का मकान एवं पुराने मकान की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता को उपलब्ध करवाना ही योजना का मुख्य उद्देश्य।
ग्राम्य विकास विभाग के अभूतपूर्व कार्य:
1. ग्राम्य विकास विभाग का मुख्य कार्यालय लखनऊ में बन रहा है.
2. पहली बार हर गांव में बारात घर और अंत्येष्टि स्थल बनाये जा रहे हैं.
3. गांव गांव में अमृत सरोवर का निर्माण जारी है.
4. मनरेगा श्रमिकों का सम्मान और कमाई बढ़ी है.
5. पहले से बहुत ज्यादा गांव की सड़कें बन रही हैं.
6. ग्रामीण प्रतिभा के लिए खेल मैदान बन रहे हैं.
7. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, बीसी सखियों को घर में स्वरोजगार मिल रहा है.
8. गांव का सर्वांगीण विकास हो रहा है.