ग्रामीण अभियंत्रण विभाग
ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग ग्राम्य विकास विभाग अन्तर्गत एक शासकीय विभाग है। जन प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न योजनाओं में प्रस्तावित निर्माण कार्यों एवं अन्य योजनाओं में स्वीकृत कार्यों का सम्पादन विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के मानक एवं विशिष्टियों के अनुरूप सम्पादित कराया जाता है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्त्वपूर्ण निर्माण एजेंसी है। यह यथोचित समय प्रबंधन, अनुबंध प्रबंधन और गुणवत्ता प्रबंधन, जो विविध योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु आधारभूत तत्व हैं, के साथ सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करती है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों में अवस्थापना से सम्बन्धित कार्यों को किये जाने एवं उन्हें विकसित किये जाने के उद्देश्य से किया गया।
वर्ष 1972 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह विभाग बतौर ग्रामीण अभियंत्रण सेवा सृजित किया गया था, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण ग्रामीण विकास मंत्रालय के आधीन था।
यह मुख्यता ग्रामीण विकास, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, राजस्व, पर्यटन, दुग्ध तथा डेयरी, उद्योग, मत्स्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागों के निर्माण कार्यों को संपादित कराता है।
ग्रामीण सड़क संपर्क न केवल आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देता है बल्कि यह कृषि आय और उत्पादक रोजगार पैदा करके ग्रामीण विकास का एक प्रमुख घटक भी है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की योजनाएं
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मुख्यतः सांसद/विधायक निधि, पूर्वान्चल/बुन्देलखण्ड विकास निधि, वार्डर एरिया डेवलपमेण्ट प्रोग्राम, आपदा राहत निधि, त्वरित आर्थिक विकास योजना, व योजनाओं से प्राप्त धनराशि से मुख्यतः भवन, सड़क, छोटे पुलों व अन्य निर्माण कार्यों को सम्पादित कराता है।
विभिन्न ग्रामों की आन्तरिक गलियों में सी.सी. रोड/नाली निर्माण का कार्य ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा पंचायती राज विभाग के बजटीय सपोर्ट से मुख्य कार्यदायी संस्था के रूप में सम्पादित कराया जा रहा है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत प्रदेश के 34 जनपदों में कार्यदायी संस्था के रूप में ग्रामीण सम्पर्क मार्गों का निर्माण / उच्चीकरण का कार्य सम्पादित कराया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी के नेतृत्व में विभाग के उल्लेखनीय कार्य
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी के नेतृत्व में ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग उत्तर प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत जो सड़कें निर्माणाधीन हैं/निर्माण की प्रक्रिया में है,के अलावा 25 हजार किमी नई सड़कों के निर्माण का खाका तैयार कर रहा है.
पीएमजीएसवाई के तहत 5 किमी से कम दूरी की सड़कों के निर्माण हेतु भी प्रस्ताव तैयार कर ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को भेजा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 5 किमी की लम्बाई से कम की बहुत बड़ी संख्या में सड़कें, कच्चे मार्ग, खडन्जा आदि हैं, यदि इन्हें भी पीएमजीएसवाई में ले लिया जाय और इनकी चौड़ाई 5.5 मीटर ही रहे, तो ग्रामीण क्षेत्र में छोटे -छोटे गांवों तक ट्रक आदि आसानी से पहुंच सकेंगे, और ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन की और अधिक बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही पीएमजीएसवाई के अंतर्गत निर्मित मार्गों के किनारे वृहद वृक्षारोपण कराया जाए।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में अपनाई जा रही एफडीआर देश व प्रदेश के लिए तकनीक वरदान साबित होगी। पीएमजीएसवाई की सड़कों के निर्माण में इस तकनीक के बहुत ही उत्साहजनक परिणाम निखर कर सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत सड़कों के निर्माण में लगभग 3000 करोड़ की बचत होगी। एफडीआर तकनीक से पीएमजीएसवाई की सड़कों के उच्चीकरण में उत्तर प्रदेश ,देश में अगुवाई व नेतृत्व कर रहा है।
इस तकनीक के अपनाने से अपेक्षा कम लागत में अच्छी ,टिकाऊ व मजबूत सड़कें बनाई जा रही हैं, इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी यह तकनीक बहुत ही अनुकूल साबित हो रही है, यही नहीं इस तकनीक के अपनाने से कार्बन उत्सर्जन में भी बहुत कमी हो रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज- 3 में उत्तर प्रदेश के लिए 19000 किलोमीटर का लक्ष्य निर्धारित है, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज -3 के लिए रु० 14245 करोड़ की धनराशि से 2534 मार्गो ,जिनकी लंबाई 18770 किलोमीटर है, की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इन सड़कों के निर्माण में इस तकनीक का प्रयोग किए जाने से लगभग रु० 3000 करोड़ की बचत होगी। पीएमजीएसवाई की सड़कों के चयन मे किसानों, विद्यालयों, चिकित्सालयों आदि का विशेष ध्यान रखा गया है, प्रदेश में पहली बार एफडीआर द्वारा पूर्व में बने हुए मार्गों के क्रस्ट में उपलब्ध पुरानी गिट्टी को ही सीमेंट और विशेष प्रकार के आईआरसी एक्रीडेटेड स्टेबलाइजर को विशेष मशीनों से रिक्लेम एवं मिश्रित करते हुए सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।